एक बार कुछ पुराने मित्र कॉलेज छोड़ने के कई
वर्षों बाद मिले और उन्होंने अपने कॉलेज के एक
प्रोफ़ेसर से मिलने का सोचा|
वे अपने प्रोफ़ेसर के घर गए| प्रोफ़ेसर ने उनका
स्वागत किया एंव वे सभी बातें करने लगे| प्रोफ़ेसर
के सभी छात्र अपने अपने करियर में सफल थे और
आर्थिक रूप से सक्षम थे| प्रोफ़ेसर ने सभी से उनकी
जिंदगी एंव करियर के बारे में पूछा|
सभी ने यही कहाँ कि वे अपने अपने क्षेत्रों में
अच्छा कर रहे है| लेकिन सभी ने कहाँ कि भले ही वे
आज अपने अपने करियर में सफल है लेकिन उनके स्कूल
एंव कॉलेज के समय की जिंदगी आज की Life से
कहीं ज्यादा अच्छी थी| उस समय उनकी जिंदगी
में इतना ज्यादा तनाव एंव काम कर प्रेशर नहीं था|
प्रोफ़ेसर ने सभी के लिए चाय बनाई| प्रोफ़ेसर ने
कहा कि मैं चाय तो ले आया लेकिन सभी अपने
अपने कप अन्दर रसोई से ले आएं| रसोई में कई तरह के
अलग अलग कप रखे हुए थे| सभी रसोई में गए और
रसोई में पड़े बहुत सारे कपों में से अपने लिए अच्छे से
अच्छा कप लेकर आ गए|
जब सभी ने चाय पी ली तो प्रोफ़ेसर ने कहा – मैं
आप लोगों को आपके जीवन की एक सच्चाई
बताता हूँ| आप सभी रसोई में से सबसे महंगे और
शानदार दिखने वाले कप उठाकर ले आये है| आप में
से कोई भी अन्दर पड़े साधारण एंव सस्ते कप नहीं
लेकर आया है|
प्रोफ़ेसर ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा – दोस्तों
कप का उद्देश्य चाय को उठाना होता है और
ज्यादा महंगे एंव अच्छे दिखने वाले कप, चाय को
अधिक स्वादिष्ट नहीं बनाते| हमें अच्छी चाय की
आवश्यकता होती है, महंगे कप की नहीं|
हमारी Life चाय की तरह होती है और नौकरी,
पैसा एंव समाज में इज्जत इन कप की तरह होती है|
नौकरी एंव पैसा जीवन जीने के लिए आवश्यक है
लेकिन यह जीवन नहीं है|
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