[22:42, 4/16/2015] So Baruasagar: जो उड़ते हैं अहम के आसमानों में
जमीं पर आने में वक़्त नहीं लगता
.हर तरह का वक़्त आता है ज़िंदगी में
वक़्त के गुज़रने में वक़्त नहीं लगता.,
अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का ,
सब को मंजिल का शौक है और मुझे
रास्तों का .. ..
आग लगी थी. . मेरे घर को
किसी सच्चे
दोस्त ने पूछा -:"क्या बचा है. . ? ?".
मैने कहा -: "मैं बच गया हूँ. . ! !".
उसने गले लगाकर कहा -:
"फिर जला ही क्या है।"
एक बुजुर्ग से किसी ने पूछा "जब भगवान के भजन सुनने में बैठते है तो जल्दी नींद आ जाती है और जब कोई महफिल की दुनिया या कोई सगींत (D J) का कार्यक्रम हो तो सारी रात नींद नहीं आती"ऐसा क्यूँ...?
बुजुर्ग ने बड़ा ही खूबसूरत जवाब दिया:- "नींद हमेशा फूलों की सेज पर आती है
काँटो के बिस्तर पर नहीं...
अपनी कीमत उतनी रखिए,
जो अदा हो सके !
अगर अनमोल हो गए तो,
तन्हा हो जाओगे..!
खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना जब सामने
वाला बादशाह निकाले..
मिट्टी में ही होती है .............
.........पकड़ मजबूत पैरों की।..
संगमरमर पर अक्सर मैंने
लोगो को फिसलते देखा है!!
कोई तो लिखता होगा इन कागज़ के ज़र्रों और इन पत्थरों का नसीब,
वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए,और कोई भगवान हो जाए....
कोई कागज़ रद्दी बन जाए तो कोई कागज़ गीता या कुरआन हो जाए...!
बोलने से पहले
लफ्ज इंसान के
गुलाम होते है...
लेकिन बोलने के
बाद इंसान लफ्ज
का गुलाम बन जाता
है....!
पक्के हुए फल की तीन पहचान होती है। एक तो वह नर्म हो जाता है दूसरे वह मीठा हो जाता है तीसरे उसका रंग बदल जाता है।
इसी तरह से परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती है पहली उसमें नम्रता होती है दूसरे उसकी वाणी मे मिठास होता है और तीसरे उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है।
ख़ुदा तूने तो लाखों की तकदीर संवारी है...
मुझे दिलासा तो दे, के अब मेरी बारी है...!
[07:43, 4/17/2015] So Baruasagar: ➰➰✅➰➰
एक बार राधाजी ने कृष्ण से पूछा: गुस्सा क्या हैं..?
बहुत खुबसूरत जवाब मिला: किसी की गलती की सजा खुद को देना..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधा ने कृष्ण से पूछा: दोस्त और प्यार में क्या फर्क होता हैं?
कृष्ण हँस कर बोले: प्यार सोना हैं.. और दोस्त हीरा.. सोना टूट कर दुबारा बन सकता हैं.. मगर हीरा नहीं..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधाजी ने कृष्णजी से पूछा: मैं कहाँ हूँ..?
कृष्ण ने कहा: तुम मेरे दिल में.. साँस में.. जिगर में.. धड़कन में.. तन में.. मन में.. हर जगह हो..!
फिर राधाजी ने पूछा: मैं कहाँ नहीं हूँ..?
तो कृष्ण ने कहा: मेरी किस्मत..!
➰➰Ⓜ➰➰
राधा ने श्रीकृष्ण से पूछा: प्यार का असली मतलब क्या होता हैं..?
श्रीकृष्ण ने हँस कर कहा: जहाँ मतलब होता हैं.. वहाँ प्यारही कहाँ होता हैं..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधाने कृष्ण से पूछा: आपने मुझसे प्रेम किया.. लेकिन शादी रुक्मिणी से की.. ऐसा क्यों..?
कृष्ण ने हँसते हुए कहा: राधे... शादी में दो लोग चाहिये....और हम तो एक हैं
!
➰➰Ⓜ➰➰
: बहुत अच्छे विचार
जरुर पढ़े
नज़र और नसीब का
कुछ ऐसा इत्तफाक हैं
कि
नज़र को अक्सर वही
चीज़ पसंद आती हैं
जो नसीब में नहीं होती
और
नसीब में लिखी चीज़
अक्सर नज़र नहीं आती है
मैंने एक दिन
भगवान से पूछा
आप मेरी दुआ
उसी वक्त
क्यों नहीं सुनते हो
जब मैं
आपसे मांगता हूँ
भगवान ने
मुस्कुरा कर के कहा
मैं तो आप के
गुनाहों की सजा भी
उस वक्त नहीं देता
जब आप करते हो
किस्मत तो पहले ही
लिखी जा चुकी है
तो कोशिश करने से
क्या मिलेगा
क्या पता
किस्मत में लिखा हो
कि
कोशिश से ही मिलेगा
ज़िन्दगी में
कुछ खोना पड़े
तो यह
दो लाइन याद रखना
जो खोया है
उसका ग़म नहीं
लेकिन
जो पाया है
वह किसी से कम नहीं
जो नहीं है
वह एक ख्वाब हैं
और
जो है
वह लाजवाब है
इन्सान कहता है कि
पैसा आये तो
हम कुछ करके दिखाये
और
पैसा कहता हैं कि
आप कुछ करके दिखाओ
तो मैं आऊ
बोलने से पहले
लफ्ज़ आदमी के
गुलाम होते हैं
लेकिन
बोलने के बाद इंसान
अपने लफ़्ज़ों का गुलाम
बन जाता हैँ
ज्यादा बोझ लेकर
चलने वाले
अक्सर डूब जाते हैं
फिर चाहे वह
अभिमान का हो
या
सामान का
जिन्दगी जख्मों
से भरी है
वक़्त को मरहम
बनाना सीख लो
हारना तो है
मौत के सामने
फ़िलहाल जिन्दगी से
जीना सीख लो
[07:16, 4/18/2015] So Baruasagar: (आज का विचार)
जिस समय आप खुद को खुश करने के लिये किसी
का 'अपमान ' कर रहे होते हैं दरअसल आप उस समय
अपना 'सम्मान' खो रहे होते हैं"
ईश्वर आपका सम्मान हमेशा बनाये रखे। सुप्रभात।
[07:18, 4/18/2015] So Baruasagar: IMPORTANT MSG, आजकल नए बने एक्सप्रेस वे पर रोजाना गाड़ियों के टायर फटने के मामले सामने आ रहे हैं......
जिनमें रोजाना कई लोगों की जानें जा रही हैं.एक दिन बैठे बैठे मन में प्रश्न उठा कि आखिर देश की सबसे आधुनिक सड़कोँ पर ही सबसे ज्यादा हादसे क्यूँ हो रहे हैं?
और हादसों का तरीका भी केवल एक ही वो भी मात्र टायर फ़टना, ऐसा कौन सी कीलें बिछा दीं सड़क पर हाईवे बनाने वालों ने कि सबके टायर ही फ़टते है?
दिमाग ठहरा खुराफाती सो सोचा आज इसी बात का पता किया जाये. तो टीम जुट गई इसका पता लगाने में.
अब सुनिए हमने
प्रयोग के लिए एक मित्र को बुला लिया और हम scorpio SUV से निकल पड़े (ध्यान रहे असली मुद्दा टायर फटना है) सबसे पहले हमनें ठन्डे टायरों का प्रेशर चेक किया और उसको अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ठीक किया जो कि 25 PSI है..
(सभी विकसित देशों की कारों में यही हवा का दबाव रखा जाता है जबकि हमारे देश में लोग इसके प्रति जागरूक ही नहीं हैं या फिर ईंधन बचाने के लिए जरुरत से ज्यादा हवा टायर में भरवा लेते हैं जो की 35 से 45 PSI आम बात है)
खैर अब आगे चलते हैं. इसके बाद मुंबई आगरा फोर लेन पर हम खलघाट से भोपाल की तरफ से चढ़ गए और गाड़ी दौड़ा दी..
गाडी की स्पीड 120 - 140 KM/Hरखी..
इस रफ़्तार पर गाडी को पोने दो घंटे दोड़ाने के बाद हम आष्टा के पास पहुँच गए थे।
आष्टा से पहले ही रूककर हमने दोबारा टायर प्रेशर चेक किया तो यह चोंकाने वाला था,
अब टायर प्रेशर था 52 PSI
अब प्रश्न उठता है कि आखिर टायर प्रेशर इतना बढ़ा कैसे सो उसके लिए थर्मोमीटर को टायर पर लगाया तो टायर का तापमान था 92.5 डिग्री सेल्सियस,
.....सारा राज अब खुल चुका था, कि टायरों के सड़क पर घर्षण से तथा ब्रेकों की रगड़ से पैदा हुई गर्मी से टायर के अन्दर की हवा फ़ैल गई जिससे टायर के अन्दर हवा का दबाव इतना अधिक बढ़ गया।
चूँकि हमारे टायरों में हवा पहले ही अंतरिष्ट्रीय मानकों के अनुरूप थी सो वो फटने से बच गए।
लेकिन जिन टायरों में हवा का दबाव पहले से ही अधिक (35 -45 PSI) होता है
या जिन टायरों में कट लगे होते हैं उनके फटने की संभावना अत्यधिक होती है।
अत : फोर लेन पर जाने से पहले अपने टायरों का दबाव सही कर लें और सुरक्षित सफ़र का आनंद लें।
मेरी एक्सप्रेस वे अथोरिटी से भी ये विनती है के वो भी वाहन चालकों को जागरूक करें ताकि हाईवे का सफ़र अंतिम सफ़र न बने, आप सभी फेसबुक और whatsapp मित्रों से अनुरोध है कि इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें।
चूँकि ऐसा करके आपने यदि एक जान भी बचा ली तो आपका मनुष्य जन्म धन्य होगा 'एक मित्र द्वारा भेजा यूज़फुल मैसेज' मैँने तो भेज दिया अब आपकी बारी है, घूमा दो यार have a safe journey
[07:19, 4/18/2015] So Baruasagar: "चंद फासला जरूर रखिए हर रिश्ते के दरमियान !
क्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें चाहे
जितना भुलाओ....!
.....एक "घाव"और दूसरा "लगाव"...
शुभ प्रभात
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