जीवन में "परेशानिया" चाहे जितनी हो
"चिंता" करने से और ज्यादा होती है.....
"खामोश" होने से बिलकुल "कम"....
"सब्र" करने से "खत्म" हो जाती है।
तथा परमात्मा का "शुक्र" करने से "खुशियो" मे बदल जाती है।
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